Wednesday 10 October 2012

शाप




आजो तहार बाट जोह तानी
नींद में भी सौ बार जागत बानी|
सिसकत सिसकत बीत गईल दिन
पर आस के अबहो हिसाब देत बानी|

औरत भईला के शाप भोग तानी
अंचरा में दूध अछईत भूख से मरत बानी|
छोह जो तहरा धईलस जुआ शराब के
आपन  'द्रौपदी'  नाम से डरत बानी|

कैसन ई कुली नशा इतना रमेला
धतुरा नियर सब कुछ भुला देला|
सैकड़ो घर बर्बाद भईल जेसन,
वईसन अपनों घर के दुर्गति सोच तानी|

स्वाति वल्लभा राज